उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवम्बर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के पीछे D गैंग से लेकर ISI और अलकायदा के कनेक्शन तक जांच का दायरा बढ़ गया है. खुफिया एजेंसियों के हिंसा के पीछे आतंकी कनेक्शन के इनपुट से खलबली मची हुई है. अब तक की जांच में हिंसा के तार आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने की आशंका सामने आई है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब दाऊद के डी गैंग से लेकर ISI और अलकायदा से संभल कनेक्शन खंगाल रही हैं.
एसआईटी को शक है कि संभल के दीप सराय और नखासा में रहे आईएसआई व अलकायदा संगठन के लोगों ने बवाल के लिए हथियार की सप्लाई और फंडिंग की थी. एसआईटी हिंसा की जांच के दौरान हर पहलू पर बारीकी से पड़ताल कर रही है. खुफिया विभाग ने हिंसा के तार आतंकी संगठनों से जुड़े होने का इनपुट दिया है. जिसके बाद एसआईटी ने आतंकी कनेक्शन के शक होने पर जांच शुरू कर दी है.
खुफिया विभाग का पहला शक संभल के रहने वाले शारिक साठा पर है जो आतंकी दाऊद की डी गैंग का सदस्य है. शारिक बड़ा वाहन चोर भी है. दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड व अन्य राज्यों में 50 से ज्यादा वाहन चोरी व लूट के मामले उस पर दर्ज हैं. बताया जाता है कि वह जेल से छूटने के बाद फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दिल्ली से दुबई भाग गया था. जहां जाली नोट का काम कर रहा है. पुलिस को शक है कि 24 नवंबर को हुई हिंसा में शारिक ने फंडिग करने के साथ हथियार भेजे. जिसके बाद उनके गुर्गों ने घटना को अंजाम दिया.
इसके अलावा संभल पुलिस के खुफिया विभाग ने पांच और आतंकियों को चिन्हित किया है. जिनका संबंध संभल से है. पुलिस को शक है कि इन पांचों में से ही किसी ने संभल में हिंसा में इस्तेमाल किए गए हथियार और पैसा उन तक पहुंचाया हो. विभाग की रिपोर्ट में संभल से ताल्लुक रखने वाले अन्य पांच आतंकियों के नाम में दो अहम नाम शाहिद अख्तर और उस्मान हुसैन है. संभल के कई लोग पहले से ही खुफिया एजेंसियों के रडार पर रहे हैं. इसलिए संभल हिंसा के बाद से सुरक्षा एजेंसियां यहां की कड़ी निगरानी रख रही हैं.