दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता और मुख्यमंत्री आतिशी को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता परवीन शंकर कपूर की याचिका पर जारी किया गया, जिसमें उन्होंने आतिशी के खिलाफ मानहानि का केस खत्म करने के फैसले को चुनौती दी है. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को करेगा.
BJP नेता परवीन शंकर कपूर ने सीएम आतिशी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. यह मामला AAP की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़ा है, जिसमें आतिशी ने बीजेपी पर AAP विधायकों को खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. सीएम आतिशी और AAP नेताओं ने कहा था कि बीजेपी उनके विधायकों से संपर्क कर रही है और उन्हें पार्टी छोड़ने के बदले बड़े पैसे और पदों की पेशकश कर रही है.
परवीन शंकर कपूर का कहना है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो आरोप लगाए गए थे, वे बेबुनियाद हैं और अभी तक इस बारे में कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने आतिशी को “विसलब्लोअर” (गड़बड़ियों को उजागर करने वाला) करार दिया, लेकिन उन्होंने और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में कोई पुख्ता सबूत नहीं दिया.
परवीन शंकर कपूर के वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि निचली अदालत ने इस मामले में पॉलिटिकल एनालिसिस (राजनीतिक विश्लेषण) कर दिया, जबकि यह एक कानूनी मामला है. उन्होंने कहा कि अगर आतिशी के आरोप सही हैं, तो उन्हें सबूत पेश करने चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसलिए मानहानि केस खत्म करने का फैसला गलत है.
AAP लंबे समय से BJP पर हॉर्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद-फरोख्त) का आरोप लगाती रही है. AAP का दावा है कि 2022 में जब दिल्ली में MCD चुनाव हुए थे, तब बीजेपी ने AAP पार्षदों को खरीदने की कोशिश की थी. यही आरोप दिल्ली की केजरीवाल सरकार के कई मंत्रियों ने भी लगाया. AAP का कहना है कि बीजेपी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए विधायकों को खरीदने का खेल खेलती है.
इससे पहले, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गोवा में भी हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लग चुके हैं, जहां विपक्षी दलों के विधायक अचानक पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. हालांकि, बीजेपी हमेशा इन आरोपों से इनकार करती रही है.