पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के एक्स अकाउंट से किए गए लंबे पोस्ट में आने वाले दिनों में पार्टी के आंदोलन की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी गई है.
गुरुवार की रात को किए गए पोस्ट में लिखा गया है, “देश में तानाशाही स्थापित हो गई है. सरकारी आतंकवाद की वजह से निर्दोष और शांत राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर गोली चलाई गई और उन्हें शहीद किया गया. हमारे हजारों कार्यकर्ता लापता हैं. सुप्रीम कोर्ट को अब इस पर संज्ञान लेना चाहिए और अपनी संवैधानिक भूमिका निभानी चाहिए.”
“हमने गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए सुप्रीम कोर्ट, लाहौर हाई कोर्ट और इस्लामाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालतों ने कोई कार्रवाई नहीं की और अब देश इस स्थिति तक पहुंच गया है.”
पोस्ट में लिखा है, “हम 13 दिसंबर को शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए पेशावर में एक भव्य सभा का आयोजन करेंगे और इस सभा में भाग लेने के लिए विपक्षी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाएगा.”
इस संदेश के ज़रिए इमरान ख़ान ने विचाराधीन राजनीतिक कैदियों की रिहाई और 9 मई और 26 नवंबर की घटनाओं की पारदर्शी जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग की है.
संदेश के मुताबिक मांगें पूरी नहीं होने पर 14 दिसंबर से सविनय अवज्ञा आंदोलन और बहिष्कार अभियान करने का एलान किया है. 26 नवंबर को इमरान ख़ान की रिहाई के लिए तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने बुशरा बीबी के नेतृत्व में इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन किया था.
विरोध प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर हुई गिरफ़्तारी और पुलिस कार्रवाई के बाद पीटीआई ने अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया था.