कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने निर्मला सीतारमण के आरोपों पर राज्यसभा में जवाब दिया है. उन्होंने अपना भाषण संविधान की उस प्रस्तावना से शुरू किया, जिसे शुरूआत में अपनाया गया था.मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि आरएसएस और जनसंघ की मंशा मनुस्मृति के आधार पर क़ानून बनाने की थी.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया, “जिनका विश्वास असमानता पर था वो समाजवाद की बात करते हैं. जो लोग संविधान से नफ़रत करते हैं वो आज हमें पाठ पढ़ा रहे हैं.”
“जिस दिन संविधान बनाया गया, लागू किया गया उस दिन रामलीला मैदान में बाबा साहेब अंबेडकर और जवाहर लाल नेहरू का पुतला जलाया गया और अब नेहरू जी को गाली, इंदिरा जी को गाली, पूरे गांधी परिवार को गाली. शर्म आनी चाहिए. लोगों को संविधान सभा की बैठक के बारे में पढ़ना चाहिए.”
बीजेपी सदस्यों ने मल्लिकार्जुन खड़गे को अपने आरोपों के समर्थन में साक्ष्य रखने की भी मांग की.मल्लिकार्जुन खड़गे अपने साथ मनुस्मृति की किताब भी लेकर आए थे, जिसका उन्होंने अपने भाषण में ज़िक्र किया.संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर कई तरह के आरोप लगाए हैं.
निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस की पुरानी सरकार पर अपना शासन बचाए रखने के लिए संविधान संशोधन का आरोप लगाया है. इन आरोपों का कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी जवाब दिया है.
संदीप दीक्षित ने कहा है, मुझे लगता है कि उन्हें संविधान या इसके संशोधनों की कोई जानकारी नहीं है. कभी कभी यह कहना भी अच्छा नहीं लगता है कि वित्त मंत्री जो कह रही हैं, उसके बारे में उन्हें कुछ पता नहीं है, लेकिन यह सच है.
उन्होंने आरोप लगाया है, “असल में बीजेपी ही पूरे संविधान को बदलना चाहती है.”निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में यह भी आरोप लगाया है कि आपातकाल के दौरान विपक्षी सांसदों को जेल में भरकर इंदिरा सरकार ने संविधान में बड़े संशोधन किए और संसद में इसका विरोध करने वाला कोई नहीं था.