बुधवार को उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर उपचुनाव भी हो रहा है. वोटिंग के बीच समाजवादी पार्टी ने पुलिसकर्मियों पर मतदाताओं को परेशान करने का आरोप लगाया है तो वहीं बीजेपी का कहना है कि कुछ बुर्का पहनी महिलाओं की पहचान उनके आईडी से मेल नहीं खाती हैं.
दोनों ही पार्टियों ने चुनाव आयोग से मामले में दखल देने की मांग की है. एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट से भी तत्काल मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया है.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में अखिलेश यादव ने लिखा है, “अगर निर्वाचन आयोग का कोई जीता-जागता अस्तित्व है तो वो जीवंत होकर वोटरों के लिए तुरंत सुनिश्चित करें कि लोगों की आईडी पुलिस चेक न करे, रास्ते बंद न किए जाएं, वोटर्स के आईडी ज़ब्त न किए जाएं.”
एसपी प्रमुख ने कहा है, “असली आईडी को नक़ली बताकर जेल में डालने की धमकी न दी जाए, मतदान की गति न घटाई जाए. चुनावी गड़बड़ी की सभी वीडियो रिकॉर्डिंग का रीयल टाइम संज्ञान लेकर तत्काल बेईमान अधिकारी न हटाए जाएं.”
अखिलेश यादव के आरोपों पर जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश उपचुनाव में हार का डर सता रहा है.
मनीष शुक्ला ने कहा, “समाजवादी पार्टी ने मतदाताओं का भरोसा खो दिया है. इसलिए उन्होंने उपचुनाव के क्षेत्रों में अराजक तत्वों को भेजा है. कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बुर्क़ा पहनी महिलाओं की पहचान उनके आईडी से मेल नहीं खा रही हैं. बीजेपी निर्वाचन आयोग और प्रशासन से ये मांग करती है कि आईडी कार्ड के मिलान के बग़ैर वोटिंग की इजाज़त न दी जाए.”
यूपी की कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाज़ियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदर्की विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इनके नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.