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अजमेर शरीफ़ में पीएम मोदी की ओर से चादर चढ़ाने गए किरेन रिजिजू ने क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर शरीफ़ में चादर चढ़ाने के लिए जयपुर पहुंचे अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिक्रिया दी है.पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा है कि ‘इस पवित्र मौके पर हम देश में अच्छा माहौल बनाना चाहते हैं.’

उन्होंने कहा, “यह हमारे देश की पुरानी परम्परा है. उर्स के समय में अजमेर दरगाह में जाने और प्रधानमंत्री की ओर से ग़रीब नवाज़ के यहां चादर चढ़ाने का जो मौका मुझे मिला है, उसमें प्रधानमंत्री जी का भाईचारा का संदेश है.”

जब उनसे पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री ने चादर भेंट कर उन लोगों को जवाब दिया है जो अजमेर शरीफ़ के दरगाह को लेकर विवाद कर रहे हैं, किरेन रिजिजू ने कहा, “यह किसी को जवाब देना नहीं है, बल्कि देश के लिए क्या करना चाहते हैं, यह प्रधानमंत्री की ओर से संदेश है.”

ग़ौरतलब है कि हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि इस मामले में जब तक केस चल रह है तब तक चादर भेजना स्थगित कर देना चाहिए.

किरेन रिजिजू ने कहा, “कल हम दिल्ली के निज़ामुद्दीन दरगाह भी गए थे और वहां भी चादर चढ़ाई और दुआ मांगी. उर्स के इस शुभ मौके पर देश के अंदर अच्छा माहौल बने और कोई भी ऐसा काम न करे जिसे सौहार्द्र को नुकसान पहुंचे.”

“हमारे देश की पुरानी परम्परा है कि लोग एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते हैं. ग़रीब नवाज़ के यहां तो हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध सभी का स्वागत है और सभी लोग वहां जाते हैं.””देश का नेतृत्व करने वाले प्रधानमंत्री की ओर से चादर लेकर जाना एक विशेष परिस्थिति है और वहां हम उनका संदेश पढ़ेंगे.”

“अजमेर दरगाह और ख्वाज़ा मोइनुद्दीन चिश्ती के बारे में पूरी दुनिया जानती है. वहां कैसे सुविधाओं में सुधार लाया जाए. क्योंकि हमने देखा है कि लाखों लोग यहां आते हैं लेकिन बहुत व्यवस्थित नहीं है. लोगों को कष्ट उठाना पड़ता है. इसके लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से कई उपाय किए जाएंगे.”

अजमेर शरीफ़ दरगाह के प्रमुख नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि पीएम मोदी की ओर से चादर भेजना उन लोगों को क़रारा जवाब है जो पिछले पांच महीने से मंदिर-मस्जिद करके धार्मिक उन्माद पैदा करने की बात कर रहे थे जबकि सरकार देश की सभ्यता और संस्कृति का सम्मान बनाए हुए है.

नसीरुद्दीन चिश्ती के इस बयान को हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दरगाह को लेकर दायर याचिका से जोड़कर देखा जा रहा है.

पिछले साल नवंबर महीने में अजमेर की एक कोर्ट ने हिंदू सेना नाम के एक संगठन की उस याचिका को सुनवाई के लिए मंज़ूर कर लिया था, जिसमें दावा किया गया था कि ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह एक शिव मंदिर के ऊपर बनी है.

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