मलयालम फ़िल्म इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के मामले पर जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट पर फ़िल्म डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा ने कहा कि अन्य इंडस्ट्री के बारे में भी पता चलना चाहिए.
राम गोपाल वर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “मलयालम फ़िल्म उद्योग के बारे में हेमा कमेटी ने काफ़ी उजागर किया है. इस कमेटी का गठन सिर्फ़ मलयालम इंडस्ट्री को लेकर हुआ था.”
उन्होंने कहा, “ऐसे में जब तक अन्य भाषा की इंडस्ट्री को लेकर समिति नहीं बनाई जाएगी तब तक कैसे पता चलेगा कि वहां क्या हो रहा है?”
हाल ही में आई रिपोर्ट में कहा गया था कि मलयालम फ़िल्म उद्योग में “कास्टिंग काउच” बहुत गहरे तौर पर जड़ जमाए हुए हैं.
रिपोर्ट में कहा गया था कि इंडस्ट्री में प्रवेश का मौका पाने के लिए समझौता और एडजस्टमेंट्स शब्दों का इस्तेमाल कोडवर्ड के रूप में किया जाता है.
इन शब्दों का मतलब है कि महिला को ‘सेक्स ऑन डिमांड’ के लिए खुद को उपलब्ध रखना चाहिए.
जस्टिस के. हेमा की अगुवाई वाली कमेटी की रिपोर्ट जमा किए जाने के साढ़े चार साल बाद केरल सरकार ने इसे जारी किया था.