लोकसभा चुनाव आए तो एक बार फिर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के विभाजन का मुद्दा गरमा गया है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ये मुद्दा उठाकर पुराना तार छेड़ दिया है. उन्होंने जनता से वादा किया है कि अगर बीएसपी सरकार सत्ता में आती है तो पश्चिमी यूपी एक अलग राज्य बनाया जाएगा.
एक चुनावी रैली में मायावती ने कहा, ‘बीएसपी ने किसी भी राजनीतिक पार्टी से गठबंधन नहीं किया है. हम अकेले चुनावी मैदान में हैं और बड़ी जीत हासिल करेंगे. भाजपा का तीसरी बार सत्ता में आना बहुत मुश्किल है. पश्चिमी यूपी के लोग लंबे समय से अलग राज्य की मांग करते रहे हैं. केंद्र में हमारी सरकार आती है तो पश्चिमी यूपी को एक अलग राज्य बनाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे.’
मायावती ने इससे पहले साल 2011 में यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव रखा था. इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन फिर उनके इस मकसद पर पानी फिर गया था. इस स्पेशल स्टोरी में जानिए पूरा वाक्या.
पहले जानिए क्या था मायावती का प्रस्ताव
साल 2011 में जब यूपी में बहुजन समाज पार्टी की सरकार हुआ करती थी, तब 2012 विधानसभा चुनाव से पहले मायावती ने यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव दिया था. ये चार हिस्से थे- पूर्वांचल, पश्चिम प्रदेश, अवध प्रदेश और बुंदेलखंड. प्रस्ताव के अनुसार पूर्वांचल में 32, पश्चिम प्रदेश में 22, अवध प्रदेश में 14 और बुंदेलखण्ड में 7 जिले शामिल होने थे.