दही (Dahi) को संपूर्ण आहार कहा जाता है. हिंदू धर्म ग्रंथों में दही के गुणों के बारे में विस्तार से बताया गया है. दही के साथ सेवन किया गया कोई भी भोजन असानी से पच जाता है. दही से बने पदार्थों को सेवन सेहत के लिए उत्तम माना गया है. लेकिन शास्त्रों में दही के सेवन के कुछ नियम भी बताये गए हैं. चीनी के साथ और रायते के रूप में दही का अधिक सेवन किया जाता है.
चीनी शरीर को ऊर्जा देने का काम करती है. ऐसे में जब दही और चीनी का एकसाथ सेवन किया जाता है तो इसके दोगुने फायदें हो जाते हैं. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के लिए दही को सुबह खाने की सलाह दी जाती है.
मान्यता है कि दही खाकर घर से निकलने से कुछ अशुभ या अप्रिय घटना घटित नहीं होती है. हंलाकि इस चीज का अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है. लेकिन आपकों जानकर हैरानी होगी की भारतीय संस्कृति में इसका वैज्ञानिक कारण है जिसे जानना आपके लिए बेहद जरुरी है.
दही में कई तरह के पौषक तत्व होते हैं- | चीनी में पौषक तत्वों का सम्मिश्रण |
पानी | कैलोरी |
प्रोटीन | कार्ब्स |
वसा | ग्लूकोज |
खनिज | शुगर |
कार्बोहाइड्रेट्स | लैक्टोज |
कैल्शियम | माल्टोज |
आयरन | फ्रुक्टोज |
विटामिन ए | |
विटामिन बी | |
विटामिन सी |
चीनी दही को सेवन करने के फायदें
- आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाता है.
- पाचन शक्ति को दुरस्त रखता है.
- दिल से संबंधित बिमारियों से बचाव
- मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखता है.
- शरीर को ठंडा रखने में मदद
दही चीनी का महत्व
आयुर्वेद के मुताबिक दही अपनी प्रकृति की वजह से कफ वर्धक के नाम से जाना जाता है. गर्मी के दिनों में चीनी के साथ दही मिलाकर खाने से शरीर ठंडा होता है. इसे खाने से शरीर में तनाव की कमी आती है. और तो और दही चीनी खाने से एकाग्रता में सुधार होता है.
दही का रायता
आपको जानकार हैरानी होगी कि दही से बनने वाला रायता का महत्व हमारे पूर्वज सैकड़ो साल पहले से जानते थे. रायता को संस्कृत भाषा में ‘दाधेयम्’ कहा जाता है. पौराणिक ग्रंथों में दही से बनने वाले रायते को लेकर कई श्लोक भी मिलते हैं-
दध्युष्णं दीपनं स्निग्धं कषायानुरसं गुरुरायता। पाकेऽम्लं ग्राहि ‘पित्तास्त्रशोथमेदः कफप्रदम्।।
दाधेयम्मूत्रकृच्छ्रे प्रतिश्याये शीतगे विषमज्वरे। अतीसारे ऽरुचौ कार्ये शस्यते बलशुक्रकृत्।।
इस श्लोक में रायता के गुणों के बारे में बताया गया है. इस श्लोक का सार है कि गर्मी में दही से बने रायते का सेवन करने से लाभ होता है. रोग आदि में लाभ प्रदान करता है और बल तथा शुक्र ग्रह की शक्ति को बढ़ाने वाला होता है.
दही और ज्योतिष
ज्योतिष शास्त्र में दो पाप ग्रहों का वर्णन मिलता है. राहु और केतु. इन दोनों पाप ग्रहों के कारण जीवन में परेशानियों का अंबार लग जाता है. कुंडली में जब ये दोनों ग्रह अशुभ हो तो व्यक्ति को उपाय के तौर पर दही का सेवन करने की सलाह दी जाती है.