मंगलवार को एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी नेता के ‘मोदी के बुलडोज़र‘ टिप्पणी पर लोकसभा में हंगामा खड़ा हो गया.
ओवैसी ने कहा था, “चार जून के बाद देश में छह मुसलमान व्यक्तियों की लिंचिंग की गई है और मध्य प्रदेश में 11 घरों को मोडी के बुल्डोज़रों ने नेस्तानाबूद कर दिया. हिमाचल प्रदेश में एक मुसलमान की दुकान को लूट लिया गया. विपक्षी पार्टियों की तरफ़ से सन्नाटा है.”
हालांकि इस बीच सत्ता पक्ष के सांसदों ने शोर मचाना शुरू कर दिया और श्रम एवं रोज़गार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने हस्तक्षेप करते हुए ‘मोदी के बुलडोज़र’ शब्द और ‘मॉब लिंचिंग’ के आरोपों पर आपत्ति की और उसे सत्यापित करने का अनुरोध किया.
नोकझोंक के बीच ओवैसी ने कहा, “मोडी को जो जनादेश मिला है वो सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों की नफ़रत पर हिंदुत्वा को मिला है.”
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “यह आपकी नैतिक जीत नहीं नहीं बल्कि बहुसंख्यकवाद की जीत है.”
मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ओवैसी बोल रहे थे और इस दौरान मुसलमानों की संसद में भागीदार पर सवाल उठाया.
‘क्या मुसलमान सिर्फ वोट बैंक हैं?’
ओवैसी ने कहा, “सदन में ओबीसी के एमपी अब उच्च जाति के एमपी के बराबर हो चुके हैं लेकिन देश की 14 फ़ीसदी मुसलमानों में से सिर्फ चार फीसदी जीतकर आते हैं.”
उन्होंने कहा, “संविधान सिर्फ एक किताब नहीं जिसे सिर्फ चूमा जाए, जिसे दिखाया जाए, यह एक ऐसी किताब है जिसे हमारे संस्थापकों ने इस तरह समझा कि मुल्क को चलाने के लिए सभी समुदाय के लोगों की राय को शामिल किया जाएगा. मगर इस सदन में सिर्फ चार फीसदी मुसलमान जीत कर आते हैं.”
उन्होंने तंज करते हुए कहा, “इस वतन का मुस्तकबिल कैसा होगा जब बीजेपी मुझे (मुसलमानों को) ग़ायब करना चाहती है और बाकी विपक्षी पार्टियों के लिए मेरा वज़ूद सिर्फ वोट डालने और अपनी कब्र में जाकर सो जाना है.”
उन्होंने कहा, “सीएसडीएस का डेटा बताता है कि इस मुल्क में जो एकमुश्त वोट डालने वाला वोट बैंक है वो उच्च जातियों का है, मुसलमान न वोटबैंक था न रहेगा.”
उन्होंने कहा, “यह हरेक के लिए आत्मनिरीक्षण का विषय है कि मुसलमानों को वाजिब हिस्सेदारी क्यों नहीं मिलती है, क्या हम यहां केवल आपको वोट डालने के लिए हैं?”
उन्होंने रोज़गार और पेपर लीक के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि “इसराइल को भारत की ओर से 27 टन हथियार भेजा जा रहा है और उसने 47000 से अधिक फ़लस्तीनियों को मार दिया है, भारत सरकार की क्या पॉलिसी है?”