एक के बाद एक कई चुनावी असफलताओं के बाद बहुजन समाज पार्टी अब अपनी खोई हुई सियासी जमीन को फिर से हासिल करने के लिए आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश के उपचुनावों पर ध्यान दे रही है. इस लक्ष्य को हासिल करने में पार्टी के युवा ‘राष्ट्रीय समन्वयक’ आकाश आनंद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
BSP प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने पिछले 10 महीनों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. मायावती ने दिसंबर 2023 में उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी नामित किया था पर बाद में उन्हें ‘अपरिपक्व’ कहकर पद से हटा दिया, लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद उन्हें उनके पदों पर फिर से बहाल कर दिया गया.
फिलहाल 29 वर्षीय आकाश आनंद को शुक्रवार को जारी हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है. सूची में उनका नाम मायावती और उनके पिता आनंद कुमार के ठीक बाद है.
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि आकाश आनंद के हालिया भाषण लोकसभा चुनाव से पहले उनकी रैलियों में दिये गये भाषणों की तुलना में अधिक संतुलित पाए गए.
BSP की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि हरियाणा चुनाव के बाद ‘आकाश भैया’ को उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव की भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. पाल ने कहा कि बहन जी (मायावती) ने अभी आकाश भैया को हरियाणा चुनाव में लगाया है.
आकाश आनंद की राजनीति में शुरुआत 2017 में हुई थी. वह 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने तेज तर्रार भाषणों से चर्चा में आये थे. इसके बाद उन पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगा और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके बाद BSP प्रमुख मायावती ने मई माह उन्हें अपरिपक्व बताकर अपने उत्तराधिकारी और राष्ट्रीय समन्वयक के पद से हटा दिया था.
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद करीब डेढ़ महीने बाद पार्टी की पहली समीक्षा बैठक में मायावती ने पहला फैसला भतीजे आकाश आनंद को अपना एकमात्र राजनीतिक उत्तराधिकारी और पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक फिर से नियुक्त करने का लिया था. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से उन्हें (आकाश आनंद) पहले से अधिक सम्मान देने का आग्रह किया था.