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मरने के बाद कई लोगों को नई जिंदगी दे गए बलिराम, जानें कैसे

सागर के रहने वाले 61 वर्षीय बलिराम कुशवाहा ने अपनी जान गंवाई, लेकिन कइयों को नई जिंदगी दे गए. ब्रेन डेड होने के बाद उनके निधन पर कुशवाहा परिवार ने फैसला किया कि उनके ऑर्गन डोनेट करेंगे, ताकि दूसरों की जिंदगी बचाई जा सके. सबसे पहला ट्रांसप्लांट भोपाल के एम्स में हुआ, जहां एक मरीज को नया दिल दिया गया. यह मध्य प्रदेश के एम्स में पहला हार्ट ट्रांसप्लांट केस बना.

एक ओर भोपाल में हार्ट ट्रांसप्लांट सफल हुआ और दूसरी ओर व्यक्ति का लीवर इंदौर भेजा गया. पीएम श्री एयर एंबुलेंस सर्विस और तीन ग्रीन कॉरिडोर की मदद से इंदौर में एक मरीज का लीवर ट्रांसप्लांट हो सका.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस बात की जानकारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी. सीएम मोहन यादव ने कहा कि मेडिकल के फील्ड में मध्य प्रदेश तरक्की कर रहा है और एक और इस बार एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. वहीं, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने बलिराम कुशवाहा के परिवार के इस निर्णय की सराहना की.

उन्होंने कहा कि सागर जिले के मानक्याई गांव के रहने वाले कुशवाहा परिवार ने इस मुश्किल समय में भी एक नेक और प्रेरणादायक फैसला लिया. उनका निस्वार्थ कार्य न केवल सराहनीय है बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी है. उनका योगदान मानवता और नए जीवन के उपहार का प्रतीक है.

इसी के साथ डिप्टी सीएम ने जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज और एम्स भोपाल के मेडिकल स्टाफ की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि यह कार्य मेडिकल स्टाफ के समर्पण और मेहनत को दर्शाता है. मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से जनता की सेवा में समर्पित है. डॉक्टर्स, सपोर्ट स्टाफ और पुलिस प्रशासन के मिलजुल के काम करने से मेडिकल फील्ड में एक नई ऊंचाई को छुआ जा सका.

जबलपुर में ब्रेन-डेड मरीज की खबर मिलने के बाद राज्य प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की. एम्स भोपाल से डॉक्टरों की एक टीम रात भर जबलपुर पहुंची और ऑर्गेन निकालने की प्रक्रिया को पूरी की. इस जटिल प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जबलपुर, भोपाल और इंदौर में तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए.

मृतक के दिल को जबलपुर से भोपाल लाया गया और एम्स में एक मरीज का ट्रांसप्लांट किया गया. वहीं, लीवर को हेलीकॉप्टर की मदद से इंदौर के चोइथराम अस्पताल पहुंचाया गया. इसके लिए पहले लीवर जबलपुर से भोपाल लाया गया और फिर इंदौर भेजा गया.

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