कर्नाटक हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती के ख़िलाफ़ प्रवर्तन निदेशालय के नोटिस पर अंतरिम स्टे दे दिया है. ईडी ने मुडा स्कैम में उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस देकर बुलाया था.
हाई कोर्ट के जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने अपने आदेश में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय, मामले को सीबीआई को सौंपने के सवाल पर फिलहाल उनकी अदालत में चल रही ‘कार्यवाही में अड़चन’ नहीं डाल सकता.
अंतरिम स्टे का आदेश राज्य के शहरी विकास मंत्री बायरती सुरेश पर भी लागू होगा.ये स्टे मंगलवार को ही हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत चंदनगौड़ा की सिंगल बेंच की ओर से दिए गए गए फ़ैसले के बाद आया है. बेंच ने मुडा के एक पूर्व एमडी को भेजे गए ऐसे ही नोटिस को रद्द कर दिया था.
जस्टिस नागप्रसन्ना ने श्रीमयी कृष्णा की दायर याचिकाओं का समर्थन में दी गई दलीलें सुनीं. इस याचिका में कहा है कि मुडा स्कैम की जांच सीबीआई से कराई जाए. सत्र अदालतों के निर्देश पर पहले से ही इस मामले की जांच लोकायुक्त पुलिस कर रही है.
जस्टिस नागप्रसन्ना ने मामले को सीबीआई को सौंपने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.सुनवाई के दौरान अदालत को एक सीलबंद लिफाफा दिया गया. इसमें इस मामले पर लोकायुक्त पुलिस की जांच का ब्योरा है.इसमें जांच अधिकारी और लोकायुक्त पुलिस के आईजीपी और एडीजीपी की भी रिपोर्टें हैं.