गुरुवार को भी विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर दी गई उनकी टिप्पणी के लिए निशाने पर लिया.
वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पत्रकारों को बयान दिया, “संसद में इन्होंने (बीजेपी) बाबा साहब का अपमान किया है. उसके बाद आज सुबह इन्होंने अपने सोशल मीडिया पर बाबा साहब की तस्वीर के साथ खिलवाड़ किया है. इन पर कौन भरोसा करेगा?”
“ये कहते हैं कि ये आरक्षण ख़त्म नहीं करना चाहते. संविधान को बदलना नहीं चाहते. इनके अंदर आदर ही नहीं है. बाबा साहब संविधान के निर्माता हैं. इनके बारे में आप ऐसा कह रहे हैं.”
गुरुवार की सुबह ही समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी एक्स पोस्ट में गृह मंत्री और बीजेपी को घेरा.उन्होंने लिखा, “जो हुआ वो सिर्फ़ बाबा साहब का ही नहीं, उनके दिये संविधान का भी अपमान है. ये बीजेपी की नकारात्मक मानसिकता का एक और चरम बिंदु है. देश ने आज जान लिया है कि भाजपाइयों के मन में बाबा साहब को लेकर कितनी कड़वाहट भरी है.”
आरजेडी अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी पूरे प्रकरण पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए अमित शाह से इस्तीफ़े की मांग की.
क्या है पूरा मामला
बीते मंगलवार को अमित शाह ने संसद में अपने संबोधन के दौरान बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर बयान दिया था.उन्होंने कहा था, “आजकल आंबेडकर का नाम लेना एक फ़ैशन बन गया है. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.”
उनके इस बयान के बाद से ही विपक्षी पार्टियां बीजेपी और अमित शाह पर हमलावार हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हुए अमित शाह से इस्तीफ़ा मांगा था.वहीं बुधवार को अमित शाह ने भी एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हुए अपना पक्ष रखा था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश कर रही है, यह निंदनीय है.अमित शाह ने कहा था कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी के दबाव में आकर इस विवाद में शामिल हुए हैं.