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पीएम मोदी के पिछले साल मैसूर दौरे का होटल बिल केंद्र सरकार ने चुकाया

नेशनल टाइगर कन्ज़रवेशन एजेंसी (एनटीसीए) ने आख़िरकार 13 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मैसूर दौरे का होटल बिल भर दिया है.होटल रेडिसन ब्लू प्लाज़ा ने कहा था कि अगर एक जून तक ये बिल नहीं भरा गया तो वह क़ानूनी कार्रवाई करेगा.

ये मामला पिछले साल अप्रैल में प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पीएम मोदी के मैसूर दौरे के दौरान बने होटल बिल के अब तक भुगतान न होने से जुड़ा है.

ये कार्यक्रम एनटीसीए और केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय ने आयोजित किया था, जिसका बजट तीन करोड़ रुपये था.

राज्य सरकार को आश्वस्त किया गया था कि इस कार्यक्रम में उसे केंद्र से वित्तीय सहायता मिलेगी. हालांकि, कुल खर्च 6.33 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. एनटीसीए ने तीन करोड़ रुपये का बिल तो भर दिया लेकिन बाक़ी बिल का भुगतान नहीं किया गया.

इस कार्यक्रम के बाद राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्रालय को होटल बिल के बकाया रहने की जानकारी दी गई. एनटीसीए ने होटल को सीधे एक करोड़ रुपये का भुगतान भी किया लेकिन इस बारे में राज्य के वन विभाग को सूचित नहीं किया.

कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंडरे ने बीबीसी हिंदी से कहा, “आमतौर पर राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के दौरे से जुड़े भुगतान राज्य सरकार करती है. इसलिए हमने 80 लाख रुपये का बिल भरने का फ़ैसला किया. कल मीडिया में मेरे बयान देने के तुरंत बाद, एनटीसीए ने होटल का बिल भरने के लिए राज्य सरकार को 2.33 करोड़ रुपये दे दिए.”

कर्नाटक के मुख्य वन संरक्षक सुभाष मलखेड़े ने बीबीसी हिंदी से कहा, “हम आज या कल में होटल का बकाया चुका देंगे.”

शुरुआत में कर्नाटक सरकार ने ये कहते हुए बकाया राशि चुकाने से इनकार कर दिया था कि ये राज्य सरकार का कार्यक्रम नहीं था. अप्रैल 2023 में कर्नाटक में आदर्श आचार संहिता लागू थी क्योंकि वहां विधानसभा चुनाव हो रहे थे.

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